छौंड़ी सनकि गेलैए (कथा) — प्रदीप बिहारी
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/ 13/07/2024
दीपकक संग कने बेसीए समान छलैक। प्लेटफॉर्म पर टेनक प्रतीक्षा करैत ओ सोचय जे कत' आ कोना सैंतत समान? बीचक...
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राँचीमे मैथिली : आधा शताब्द पहिने (पुनरवलोकन) – भीमनाथ झा
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/ 13/07/2024
राँची नगर जहियासँ औद्योगिक मानचित्रपर जगजियार भेल, सम्पूर्ण देशक किंवा किछु विदेशोक उद्यमी लोक तहिएसँ एकर परिसर दिस टुटि पड़ल...
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नेपाल : भाषा-साहित्यक जीह — भीमनाथ झा
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/ 13/07/2024
वास्तवमे नेपालीय मैथिली जीह थिक मैथिली भाषा-साहित्यक । जीह कोनो वस्तुक स्वादक बोध करबैत अछि, कोनो वस्तुकेँ उदरस्थ करबाक जोग...
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ते हि नो दिवसा: गता: — भीमनाथ झा
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/ 13/07/2024
हुनक (मने कुलानंद मिश्र) जन्मतिथिपर, मन पड़ि गेल अछि एक अन्तरंग रोचक प्रसंग–रही एहि साहित्य- कुलक आनन्दप्रदाता समकालीन मैथिली भालक...
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हरे कृष्ण ! — भीमनाथ झा
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/ 13/07/2024
हरेकृष्णजी हमर गौआँ रहथि। घरक दूरी तते नहि, मुदा टोल दू। हमर घर पुबारि टोलक पुबरिया छोरसँ कने पच्छिम आ...
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मैथिली गीत — गुंजन श्री
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/ 21/06/2024
सब भाषा के अप्पन फराक गुण-धर्म होइत छैक। हेबाको चाही। मैथिली के सेहो छैक। मने जे मैथिली मे ततेक ने...
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नवद्वीप यात्रा-संस्मरण — गुंजन श्री
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/ 21/06/2024
पटना से सुबह छह बजे ‘प्रसाद’ के ‘कंकाल’ से यात्रा शुरू होती है। दोपहर को आसनसोल पहुंचता हूँ , भोजन-आराम-गप्पें-निद्रा और एक दिन खत्म । सोचता हूँ कि...
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के बताह कवि भांग पीबि क’…
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/ 21/06/2024
बरख 2008 मे पहिल रचना छपल रहय आ २-४ साल जाइत-जाइत थोड़-बहुत आखर बुझय लगलियैक। आ से तहिये सँ देखि...
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