डॉ. कमल मोहन चुन्नूक बीस गोट गजल
1. दमड़ीक लोभे चाम घसेलहुँ, यैह होइ भाइ?मूनल पौतीक नाग डसेलहुँ, यैह होइ भाइ?…
Read More1. दमड़ीक लोभे चाम घसेलहुँ, यैह होइ भाइ?मूनल पौतीक नाग डसेलहुँ, यैह होइ भाइ?…
Read More1. राग बैरागी जीवनक मध्य भाग धरि अबैत-अबैतहोइत गेलहुँ अछि कोमलरहितहुँ मध्यम त’ गाबय…
Read Moreभगत जी फेर देखि लेलनि।पछिलो यात्रा मे देखि लेने छलाह आ बड़ आग्रहक संग…
Read More1. बात की छै जे एना अथबल करैएसत्य सँ परिचय किए बेकल करैए आर…
Read More1. इयह थिक जीवन ! सजल साजल कनियाँकोबर टुह-टुहछलैक अहिबात पुरहर आ डाला भरलजरैत…
Read Moreबालमुकुन्द समकालीन मैथिली कविताक न’ब खेपक कवि छथि। हुनक कविता मे एक दिस अपन…
Read Moreबड़ी काल सँ अपन एकटा पुरान डायरी ताकि रहल छलहुँ, जाहि मे अपन किछु…
Read More1 . मोन छौक ? आबि रहल छैकतथाकथित प्रेम दिवस सभजे विवश करतअप्पन लैपटॉप…
Read Moreबहुत दिन पर मीनाक माय सँ भेंट भेल छलैक। हाल-सूरतिक गपसपक क्रम मे आदित्य…
Read Moreमाया आइ छत्ता ल’ गेनाइ बिसरि गेल छल। बस स्टॉप सँ डेरा तक अबैत-अबैत…
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