मैथिली गीत — गुंजन श्री
सब भाषा के अप्पन फराक गुण-धर्म होइत छैक। हेबाको चाही। मैथिली के सेहो छैक।…
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Read Moreपटना से सुबह छह बजे ‘प्रसाद’ के ‘कंकाल’ से यात्रा शुरू होती है। दोपहर को आसनसोल पहुंचता हूँ ,…
Read Moreबरख 2008 मे पहिल रचना छपल रहय आ २-४ साल जाइत-जाइत थोड़-बहुत आखर बुझय…
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